Rajasthan Fasal Girdawari Report 2025 | जमीन की गिरदावरी कैसे निकाले ?

राजस्थान राज्य में अब राजस्व मंडल को पूरी तरह से डिजिटल कर दिया गया है। इससे जुड़ी पूरी जानकारी ‘धारा ऐप’ के माध्यम से मोबाइल पर प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा, आप https://janasoochna.rajasthan.gov.in/ पोर्टल पर जाकर भी ऑनलाइन गिरदावरी रिपोर्ट देख सकते हैं।

इस लेख में हम आपको राजस्थान राजस्व मंडल की आधिकारिक वेबसाइट पर गिरदावरी की जानकारी प्राप्त करने तथा रिपोर्ट डाउनलोड करने की पूरी प्रक्रिया उपलब्ध करा रहे हैं।

फसल गिरदावरी रिपोर्ट क्या है?

किसी भी भूमि पर किसान द्वारा की गई खेती का विवरण एकत्र करना गिरदावरी विभाग का कार्य होता है। गिरदावरी पत्रिका में किसान द्वारा बोई गई फसल तथा खेती की भूमि का पूरा विवरण दर्ज किया जाता है। क्षेत्र के लेखपाल या पटवारी वर्ष में दो बार गिरदावरी की रिपोर्ट तैयार करते हैं।

फसल गिरदावरी रिपोर्ट का विवरण

  • खेती करने वाले काश्तकार का नाम तथा उसके पिता का नाम गिरदावरी पत्रिका में दर्ज किया जाता है।
  • भूमि का खसरा नंबर, खाता संख्या, जिस क्षेत्र पर फसल बोई गई है उसका चित्रांकन (फोटो),
  • भूमि का रकबा, फसल का नाम, संचित कृषि क्षेत्र, तथा सीना स्टेशन आदि का विवरण भी पत्रिका में दर्ज होता है।

धारा पोर्टल से फसल गिरदावरी रिपोर्ट कैसे निकालें?

  • राजस्थान राज्य के नागरिक धरा पोर्टल पर जाकर अपनी गिरदावरी की रिपोर्ट ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं। इसके लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
  • धरा पोर्टल का मोबाइल ऐप गूगल प्ले स्टोर से अपने मोबाइल पर इंस्टॉल करें। इस ऐप के माध्यम से भी गिरदावरी रिपोर्ट को देखा और डाउनलोड किया जा सकता है।
  • फसल की गिरदावरी रिपोर्ट ऑनलाइन डाउनलोड करने हेतु सरकार की आधिकारिक वेबसाइट https://janasoochna.rajasthan.gov.in/ पर जाएँ।
  • वेबसाइट पर जाकर जिला, तहसील और गाँव का चयन करें।
  • जिस जमीन पर फसल बोई गई है, उसका खसरा नंबर तथा फसल का प्रकार दर्ज करें।
  • फिर “आगे बढ़ें” विकल्प पर क्लिक करें।
  • अब आपकी गिरदावरी रिपोर्ट स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाएगी।
  • आप यहाँ से रिपोर्ट को देख सकते हैं और चाहें तो डाउनलोड भी कर सकते हैं।

जन सूचना पोर्टल पर गिरदावरी(Rajasthan Fasal Girdawari) की रिपोर्ट कैसे देखें?

गिरदावरी रिपोर्ट डाउनलोड करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

Step1- सबसे पहले राजस्थान सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।

Step2- होम पेज पर दिए गए मेन्यू में “योजनाएँ” विकल्प पर क्लिक करें।

Step3- नए खुले पेज पर “गिरदावरी की प्रतिलिपि” (Girdawari Copy) के विकल्प को चुनें।


Step4- अब एक सूची (लिस्ट) आपके सामने प्रदर्शित होगी। इसमें से अपना जिला, तहसील और गांव का चयन करें और फिर “सर्च” बटन पर क्लिक करें।

Step5- आपके सामने आपके खाते (Account) से जुड़ी सभी जानकारी प्रदर्शित की जाएगी।

Step6- यदि आप और अधिक विवरण देखना चाहते हैं, तो “Get More” विकल्प पर क्लिक करें।

Step7- अब आपकी गिरदावरी से संबंधित पूरी जानकारी स्क्रीन पर आ जाएगी।

Step8- आप यहाँ से अपनी गिरदावरी की रिपोर्ट देख सकते हैं तथा डाउनलोड भी कर सकते हैं।

(Rajasthan Fasal Girdawari) फसल गिरदावरी के लाभ

किसानों को अपनी फसल की गिरदावरी कराने के लिए आवेदन करना पड़ता है।
यदि फसल को प्राकृतिक आपदा (जैसे ओलावृष्टि, सूखा, बाढ़ आदि) से नुकसान होता है, तो सरकार द्वारा क्षतिपूर्ति दी जाती है, जिससे किसानों को आपदा से होने वाले आर्थिक नुकसान का सामना नहीं करना पड़ता।

यदि किसान ने अपनी फसल की गिरदावरी पहले से करवा रखी हो, तो आपदा की स्थिति में सरकार द्वारा उसे आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
इसी कारण किसान अपनी बोई हुई फसल की समय पर गिरदावरी कराते हैं।

कोई भी किसान अपनी गिरदावरी रिपोर्ट जानने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत आवेदन कर सकता है।
इसके तहत किसान को पोर्टल या मोबाइल ऐप पर अपनी फसल की गिरदावरी रिपोर्ट सरलता से उपलब्ध हो जाती है।

फसल गिरदावरी के बारे में पूछे जाने वाले सामान्य प्रश्न:

1. धारा गिरदावरी क्या है?

धारा गिरदावरी राजस्थान सरकार के राजस्व मंडल द्वारा जारी किया गया एक आधिकारिक मोबाइल ऐप है।  इस ऐप के माध्यम से किसान अपने मोबाइल फोन पर फसल गिरदावरी रिपोर्ट देख सकते हैं और अन्य कृषि संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

2. फसल गिरदावरी क्या होती है?

फसल गिरदावरी एक प्रक्रिया है जिसमें किसी भूमि पर किसान द्वारा बोई गई फसल का विवरण सरकारी अधिकारी (पटवारी/लेखपाल) द्वारा निरीक्षण कर दर्ज किया जाता है।  यह विवरण गिरदावरी पत्रिका में दर्ज किया जाता है और सरकारी रिकॉर्ड का हिस्सा बनता है।

3. अपनी फसल की गिरदावरी कैसे कराएं?

किसी भी किसान को फसल की गिरदावरी कराने के लिए अपने क्षेत्र के पटवारी या लेखपाल से संपर्क करना होता है। पटवारी खेत का निरीक्षण कर गिरदावरी रिपोर्ट तैयार करता है।
वर्ष में दो बार गिरदावरी करने का प्रावधान है – रबी और खरीफ सीजन के अनुसार।

4. फसल की गिरदावरी कराने से क्या लाभ होते हैं?

यदि फसल को प्राकृतिक आपदा (जैसे बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि, आग आदि) से नुकसान होता है, और किसान ने समय पर अपनी फसल की गिरदावरी करवा रखी हो, तो सरकार द्वारा क्षतिपूर्ति राशि (आर्थिक सहायता) प्रदान की जाती है। इससे किसान को आपदा से हुए नुकसान में राहत मिलती है।

5. फसल बीमा योजना से कैसे जुड़ती है गिरदावरी?

यदि किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत आवेदन करता है, तो उसे फसल गिरदावरी रिपोर्ट की आवश्यकता होती है।  इस रिपोर्ट के आधार पर ही बीमा दावे की प्रक्रिया पूरी होती है।

6. एक बार में कितने रकबे की गिरदावरी कराई जा सकती है?

फसल गिरदावरी के लिए किसी निर्धारित रकबे की सीमा नहीं है।  किसान अपनी पूरी भूमि या इच्छित खेत की गिरदावरी करवा सकता है।